मानसिक रोगी
मानसिक रोगियों के रोग लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं। मानसिक अशक्तता से पीड़ित व्यक्तियों को दिमागी विकार होता है तथा उनका अपनी स्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं होता। कुछ सामान्य मानसिक समस्याएं हैं स्वलीनता, मानसिक बाधा, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात (सेरेब्रल पालिसी), सीखने में बाधा, चिन्ता विकार और अन्य मनस्कता (शाइजोफ्रेनिया)। कुछ लोग मानसिक विकार सहित जन्म लेते हैं, जबकि बहुत से दुर्घटनाओं, आघात, गंभीर बीमारी व वृद्धावस्था के कारण मानसिक समस्याओं से पीड़ित होते हैं।
गंभीर मनोरोगी अशक्तताएं, किसी व्यक्ति द्वारा अपने दैनिक जीवन की प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने की उसकी क्षमता में बाधा डालती हैं। इन क्रियाकलापों में स्वयं की देखभाल, घर की व्यवस्था, परस्पर वैयक्तिक संबंध और विद्यालय अथवा कार्यालय कार्य सम्मिलित हैं। परम्परागत रूप से मनोरोगी अशक्तताओं से ग्रस्त लोगों को प्रदान किए जाने वाले दो प्रमुख उपचार थे दवाई देना और मनश्चिकित्सा। उन के सामाजिक निष्पादनों की क्रियाशीलता की बाधाओं अथवा अक्षमताओं की रोकथाम करने अथवा इन्हें कम करने के लिए बहुत कम ध्यान दिया गया। तथापि, मानसिक पुनर्वास की नई रणनीतियों में सामुदायिक एकीकरण और रोगियों को अपनी स्थितियों से स्वयं निपटने के लिए सक्षम बनाना शामिल है।
दक्षता की सामर्थ्य बढ़ाने के लिए, जीवन का सामना करने का कौशल, रोग प्रबंधन तथा काम ढूंढने के संसाधन, सम्मिलित हैं। महत्वपूर्ण परिवेश सहायता को सुदृढ़ करने के चिंतन में पारिवारिक व्यवहार प्रबंधन और सामुदायिक जीवन की ओर परिवर्तन के लिए साथियों के समूह का प्रयोग करना सम्मिलित है। रोगियों को सामुदायिक कौशल, आपसी संबंधों का कौशल, निजी स्वच्छता और स्वयं की देखभाल का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसमें ड्रेस और व्यवहार संहिता, बातचीत करने (क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए) संबंधी नियम, और स्नेह, सामाजिक संबलन और परस्पर दूरी रखने संबंधी शैलीगत दिशा-निर्देश भी सम्मिलित हैं।
काम में सहायता प्रदान करने के प्रयत्नों में, पेशे (कैरियर) के लिए विशिष्ट योजना बनाना, रोजगार प्राप्त करने में सहायता करना और रोजगार को बनाए रखने में मदद देना, व्यक्तिगत सहायता, अन्य सामाजिक एजेंसियों के साथ समन्वयन करना तथा गोपनीयता का आश्वासन सम्मिलित हैं।
कुछ रोगियों को उनकी स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए चिकित्सा दी जा सकती है, जबकि अन्य को विभिन्न प्रकार की शल्य क्रिया करवाने की जरूरत हो सकती है। सभी रोगियों को, व्यावसायिक प्रशिक्षण, पेशेवर रोगोपचार, जिसमें उन्हें सर्जनात्मक गतिविधियों की कोई नई कला सिखाई जाती है, सम्मिलित है, प्रदान किया जाता है। जिनका स्वास्थ्य लाभ उपचार पूरा हो चुका है, उन्हें नियमित जांच और कैंप में उपस्थित होना पड़ेगा।
यहां पर भारत में मानसिक विकारों का इलाज करने वाले कुछ केंद्रों की सूची दी गई है:
- निमहंस (एनआईएमएचएएनएस)
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)
- राम मनोहर लोहिया अस्पताल
- बाम्बे अस्पताल
- अपोलो अस्पताल
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेन्टल री टार्डेशन
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेन्टल साइकाइट्री
- रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकाइट्री एंड एलाइड साइंस (आरआईएनपीएएस)
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटली हैन्डीकैप्ड सिकन्दराबाद
- ग्वालियर मानसिक आरोग्यशाला
- रीहैबिलीटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया
- मानसिक रोगियों के लिए और अस्पताल
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